Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 03 Mar, 2023 05:39 PM

गर्मियों के सीजन को लेकर पर्याप्त बिजली इंतजामों का दावा कर रहे विभाग और सरकार की कार्यशैली पर फरीदाबाद एनआईटी 86 से कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): गर्मियों के सीजन को लेकर पर्याप्त बिजली इंतजामों का दावा कर रहे विभाग और सरकार की कार्यशैली पर फरीदाबाद एनआईटी 86 से कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। उन्होंने मौजूदा सरकार को अंबानी और अडानी के हाथों की कठपुतली बताते हुए दावा किया कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार ने 2.94 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से जिस अदानी ग्रुप के साथ 1400 मेगावाट (साडे 3 करोड़ यूनिट) बिजली 25 साल तक देने का करार किया था, मौजूदा सरकार उस करार को नहीं संभाल पाई और नए एग्रीमेंट के तहत 1400 की बजाय 1090 मेगावॉट का नया करार 3.20 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से कर डाला। लगभग 25 पैसे बिजली महंगी खरीदने के चलते प्रदेश को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ेगा। 230 मेगावाट बिजली हमने सरेंडर कर दी
शर्मा ने कहा कि सरकार की कमजोरी और कमियों के कारण पिछले गर्मी के सीजन में विभाग को 12 रुपए प्रति यूनिट बिजली मजबूरन खरीदनी पड़ी और इस साल 13-14-15 में मिलने की संभावना कहें तो गलत नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1000 हजार करोड रुपए का अदानी ग्रुप पर लगाया गया जुर्माना सरकार आखिर क्यों नहीं वसूल रही। शर्मा ने कहा कि हरियाणा की जनता की खून पसीने की गाढ़ी कमाई में से लाखों करोड़ रुपए सरकार द्वारा क्यों बहाया जा रहा है। हरियाणा की जनता ने इस सरकार को चुना है या अंबानी और अडानी ने सरकार को बनाया है, सरकार को यह सच्चाई सामने लानी चाहिए। शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा कैबिनेट में फैसला लेने के बाद अंबानी ने समझौते के लिए सहमति दी है। मुझे लगता है कि सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। सरकार भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समझौते को बरकरार रखे। प्रदेश को 1400 मेगावाट बिजली पुराने सस्ते दाम 2.94 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से मिले और 1000 करोड़ की पेनल्टी अदानी ग्रुप से सरकार वसूले, यह मेरी मांग है।
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